Indian Geography PDF In Hindi
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Indian Geography Most Important Questions in Hindi
- भारत के बारे में सही कथन है –
यह स्थलमंडल के कुल क्षेत्रफल का लगभग4 प्रतिशत भाग अधिकृत किए हुए हैं। 820 30′ पूर्वी देशांतर का उपयोग भारतीय मानक समय चक्र को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
- भारतवर्ष आकार (क्षेत्रफल) में विश्व का – सातवां सबसे बड़ा देश है।
- भारत का क्षेत्रफल संसार के क्षेत्रफल का 2 पॉइंट 4% है, परंतु इसकी जनसंख्या है – 17.5% (जनगणना, 2011 के अनुसार)
- भारतवर्ष में गांव की संख्या है – लगभग 6 लाख 40 हजार 9 सौ 30 (जनगणना, 2011 के अनुसार)
- भारत विस्तृत है – 804′ उत्तर से 3706′ उत्तरी अक्षांशों तथा 6807′ पूर्व से 97025′ पूर्वी देशांतरों के मध्य।
- भारत के लगभग बीचो बीच से होकर गुजरती है – कर्क रेखा
- कर्क रेखा किन राज्यों से होकर गुजरती है – गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम
- भारत में कर्क रेखा गुजरती है – 8 राज्यों से
- अगरतला, गांधीनगर, जबलपुर एवं उज्जैन में से कर्क रेखा से निकटतम दूरी पर स्थित नगर है – गांधीनगर
- दिल्ली, कोलकाता, जोधपुर तथा नागपुर शहरों में से कर्क रेखा के निकट है – कोलकाता
- भारत को दो लगभग बराबर भागों में विभाजित करने वाला अक्षांश है – 23030′ उत्तरी अक्षांश ( कर्क रेखा)
- झारखंड, मणिपुर, मिजोरम तथा त्रिपुरा राज्यों में से कर्क रेखा के उत्तर में स्थित भारतीय राज्य है – मणिपुर
- हैदराबाद, चेन्नई, भोपाल तथा दिल्ली शहरों में से जून माह में दिन की अवधि अधिकतम होगी – दिल्ली में
- गुजरात के सबसे पश्चिमी गांव और अरुणाचल प्रदेश के सबसे पूर्वी छोर पर स्थित वाला उनके समय में कितने घंटे का अंतराल होगा – 2 घंटे का
- आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र तथा उत्तर प्रदेश राज्य में से भारतीय मानक समय की याम्योत्तर नहीं गुजरती है – महाराष्ट्र से
- भारतीय मानक समय की देशांतर रेखा (820 30′) गुजरती है – इलाहाबाद से
- भारत की प्रामाणिक मध्यान्ह रेखा कहलाती है – 820 30′ पूर्वी देशांतर
- भारतीय मानक समय (IST) एवं ग्रीनविच माध्य समय (GMT) मैं अंतर पाया जाता है – ±5.30 घंटे का
- यदि अरुणाचल प्रदेश में तिरप (Tirap) मैं सूर्योदय00 बजे प्रातः (IST) होता है, तो गुजरात में कांडला में सूर्योदय होगा – लगभग 7.00 बजे प्रातः
- भारत का सुदूर दक्षिणी बिंदु (Southernmost Point) है – इंदिरा पॉइंट पर
- भारत का दक्षिणतम बिंदु स्थित है – बड़ा निकोबार ( ग्रेट निकोबार) में
- भरत के राज्यों में सबसे पूर्वी और सबसे पश्चिमी राज्य को इंगित करता है – क्रमशः अरुणाचल प्रदेश और गुजरात
- भारत का सुदूर पश्चिम का बिंदु है – 680 7′ पूर्व ( गौर मोता) गुजरात में
- मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर तथा मिजोरम राज्यों में से वह राज्य देश की सीमा बांग्लादेश से नहीं मिलती है – मणिपुर
- बांग्लादेश की सीमा से लगे भारत के राज्य हैं – मेघालय, असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा एवं मिजोरम
- सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल राज्य में से भूटान के साथ सीमा नहीं मिलती है – मेघालय की
- वह भारतीय राज्य जिसकी अधिकतम सीमा म्यांमार से स्पर्श करती है – अरुणाचल प्रदेश
- म्यांमार से घनिष्ठ की सीमा नहीं है – असम की
- पाकिस्तान से सीमा बनाने वाले भारतीय राज्य हैं – पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर, राजस्थान तथा गुजरात
- नेपाल के पड़ोसी भारतीय राज्य हैं – उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम
- भारत के साथ सबसे लंबी स्थलीय सीमा है – बांग्लादेश की
- असम, नागालैंड, मेघालय एवं मिजोरम राज्यों में से बांग्लादेश से अपनी सीमा नहीं बनाने वाला भारतीय राज्य है – नागालैंड
- भारत तथा पाकिस्तान के बीच सीमा निर्धारित की गई थी – रेडक्लिफ रेखा द्वारा
- डूरंड लाइन भारत की सीमा निर्धारित करती है – अफगानिस्तान से
- भारत तथा पाकिस्तान के मध्य सीमा रेखा एक उदाहरण है – परवर्ती सीमा का
- भारत और चीन की उत्तर-पूर्व सीमा का सीमांकन करने वाली रेखा है – मैक मोहन रेखा
- भारत-श्रीलंका से अलग होता है – पाक जलडमरूमध्य द्वारा
- नेपाल, भूटान एवं चीन की सीमा से मिलने वाला भारतीय राज्य है – सिक्किम
- तीन तरफ से अंतरराष्ट्रीय सीमाओं ( बांग्लादेश) से घिरा भारतीय राज्य है – त्रिपुरा
- भारत से उपबंध पुराचुंबकीय परिणामों से संकेत मिलते हैं कि भूतकाल में भारतीय स्थल पिंड सरका है – उत्तर की ओर
- भारतीय उपमहाद्वीप मूलतः एक विशाल भूखंड का भाग था, जिसे कहते हैं – गोंडवाना लैंड
- भारत विभाजित है – 4 प्राकृतिक प्रदेशों में
- उत्तराखंड में पाताल तोड़ कुए पाए जाते हैं – तराई क्षेत्र में
- यदि हिमालय पर्वत श्रेणियां नहीं होती, तो भारत पर सर्वाधिक संभव भौगोलिक प्रभाव है – देश के अधिकांश भाग में साइबेरिया से आने वाली शीत लहरों का अनुभव होता, सिंधु–गंगा मैदान इतनी विस्तृत जलोढ़ मृदा से वंचित होता, मानसून का प्रतिरूप वर्तमान प्रति रूप से भिन्न होता।
- भारत के पश्चिम समुद्र तट का निर्माण हुआ है – भूमि के उत्थान एवं निर्गमन के कारण
- सही सुमेलन है – दक्कन ट्रैप – क्रिटेशियस-आदि नूतन, पश्चिमी घाट – उत्तर नूतन, अरावली – प्री-कैम्ब्रियन, नर्मदा-ताप्ती जलोढ़ निक्षेप –अत्यन्त नूतन
- केरल का कुट्टानाड या कुट्टानाडु प्रसिद्ध है – भारत के न्यूनतम ऊंचाई वाले क्षेत्र के रूप में, इसे केरल का ‘ धान का कटोर‘ कहा जाता है। FAO द्वारा इसे वैश्विक महत्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली (GIAHS) घोषित किया गया है।
- हिमालय की रचना समांतर वाले श्रेणियों से हुई है, जिस में से प्राचीनतम श्रेणी है – वृहत हिमालय श्रेणी
- उत्तर भारत के उप हिमालय क्षेत्र के सहारे फैले समतल मैदान को कहा जाता है – भावर
- हिमालय का पर्वत पदीय प्रदेश है – शिवालिक
- शिवालिक पहाड़ियां हिस्सा है – हिमालय का
- शिवालिक श्रेणी का निर्माण हुआ – सेनोजोइक (प्लायोसीन) युग में
- शिवालिक श्रेणियों की ऊंचाई है – 850-1200 मीटर के मध्य
- उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, सिक्किम एवम हिमाचल प्रदेश में से हिमालय पर्वत श्रेणियां हिस्सा नहीं है – उत्तर प्रदेश का
- हिमालय के तरुण वलित पर्वत ( नवीन मोड़दार पर्व) के साक्ष्य कहां जा सकते हैं – गहरे खड्ड, U घुमाव वाले नदी मार्ग, समानांतर पर्वत श्रेणियां, भूस्खलन के लिए उत्तरदाई तीव्र ढाल प्रवणता
- लघु हिमालय स्थित है – शिवालिक और महान हिमालय के मध्य में
- पश्चिमी भाग में हिमालय की श्रेणियों का दक्षिण से उत्तर की ओर सही क्रम है – शिवालिक–लघु हिमालय –महान हिमालय
- सबसे नवीन पर्वत श्रेणी है – शिवालिक
- दक्षिण भारत में नवीनतम चट्टान प्रणाली है – गोंडवाना
- उच्चावच आकृतियों का दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ते हुए सही क्रम है – धौलाधर, जास्कर, लद्दाख और काराकोरम
- हिमालय में उत्तर दिशा की ओर के क्रम वाली पर्वत श्रेणी है – पीर पंजाल पर्वत श्रेणी, जास्कर पर्वत श्रेणी, लद्दाख पर्वत श्रेणी, काराकोरम पर्वत श्रेणी
- हिमालय में पूर्व से पश्चिम की ओर पर्वत शिखरों का सही क्रम है – कंचनजंगा, एवरेस्ट, अन्नपूर्णा, धौलागिरी
- पूर्वी हिमालय की तुलना में ट्री- लाइन का ऊंचाई मान पश्चिमी हिमालय में होता है – कम
- हिमालय की पहाड़ी श्रृंखला में ऊंचाई के साथ साथ इन कारणों से वनस्पति में परिवर्तन आता है – तापमान में गिरावट, वर्षा में बदलाव, मिट्टी का अनुपजाऊ होना।
- उत्पत्ति की दृष्टि से सबसे नवीनतम पर्वत श्रेणी है – पटकाई श्रेणीयां (हिमालय)
- नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर एवं मिजोरम राज्यों में से पटकाई पहाड़ियों से संलग्न नहीं है – त्रिपुरा
- पीर पंजाल श्रेणी पाई जाती है – जम्मू एवं कश्मीर में
- कश्मीर घाटी स्थित है – वृहत हिमालय और पीर पंजाल श्रेणियों के मध्य
- अक्साई चीन का भाग है – लद्दाख पठार
- पश्चिमी हिमालय संसाधन प्रदेश के प्रमुख संसाधन है – वन
- ग्रेट हिमालय की ऊंचाई है – 8850 मी. ए.एस.एल. (8848 मी.)
- हिमाचल पर्यायवाची है – मध्य हिमालय का
- भारत में सबसे प्राचीन पर्वत श्रंखला है – अरावली
- राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा एवं आंध्र प्रदेश राज्यों में से अरावली श्रेणियों स्थित है – राजस्थान में
- अरावली श्रेणियों की अनुमानित आयु है – 570 मिलियन वर्ष
- ‘रेजीड्युल पर्वत’ का उदाहरण है – अरावली
- दक्षिण भारत की सबसे ऊंची चोटी है – अन्नाईमुडी
- भारतीय प्रायद्वीप की सबसे ऊंची चोटी है – अन्नाईमुडी
- नर्मदा एवं ताप्ती नदियों के मध्य स्थित है – सतपुड़ा श्रेणी
- उत्तर से शुरू कर दक्षिण की ओर पहाड़ियों का सही अनुक्रम है – नल्लामलाई पहाड़ियां – जवादी पहाड़ियां – नीलगिरि पहाड़ियां – अन्नामलाई पहाड़ियां
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